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जब जिंदगी ने हरप्रीत को तोड़ने की कोशिश की — इन परिंदों ने उन्हें फिर जीना सिखाया। पंजाब की हरप्रीत कौर बीते 10 सालों से 200 से ज़्यादा चिड़ियों की ...
सोचिए, सिर्फ़ नमक बनाने के लिए 240 मील पैदल चलना पड़े! सुनने में नामुमकिन लग सकता है,, पर इस एक क़दम था जिसने आज़ादी की लड़ाई को नई ताक़त दी। ...
मेघालय के दिल में बसी है एक पुरानी लेकिन ज़िंदा होती परंपरा जिसे पेड़ों ने और इंसानों ने मिलकर गढ़ा है। इन्हें कहा जाता है — लिविंग रूट ब्रिजेज़। ये ...
केरल के अखिल और अमृता की लव स्टोरी बेहद खास है। दस साल की उम्र में Burn Victim बनीं अमृता को लगा नहीं था कि कोई उनके चेहरे से इतर ...
स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा”:flag-in: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के इस नारे ने पूरे देश को जगाने और ...
लोकेश और उनकी माँ का सफरनामा याद दिलाता है कि घर का काम भी एक काम होता है, और माँ को भी एक ब्रेक मिलना चाहिए। (Mother-Son Travel Journey, Gift ...
सोचिए एक घर की छत पर कितने तरह के फूल उगाए जा सकते हैं, आपका जवाब होगा,पचास, साठ या सौ तरह के, लेकिन केरल की अंजू ने घर की छत ...
कारगिल की लड़ाई में देश की रक्षा करते हुए अपना हाथ और दोनों पैर खो दिए, लेकिन न तो देश की सेवा का जज्बा कम हुआ न ही जिंदादिली ...
M.Phil किया, कॉलेज में पढ़ाया… लेकिन असली बदलाव तब आया जब शब्बीर अहमद ने चुना Beekeeping का रास्ता। Beekeeping से न सिर्फ ...
एक अकेले इंसान की छोटी सी पहल भी बड़े-बड़े बदलाव ला सकती है। इसका सटीक उदाहरण हैं प्रदीप रथ और उनके लगाए 60 हजार पौधे। ...
नागपंचमी पर जो सांप दिखते हैं, उनके दांत पहले ही तोड़ दिए जाते हैं। फिर उन्हें 15-20 दिन भूखा-प्यासा रखा जाता है, जब दूध सामने रखते हैं, वो मजबूरी में ...
जिसने अकेले रणथंभौर को पहचान दी, जिसकी दहाड़ जंगल की रूह बन गई,जिस पर डाक टिकट छपा, डॉक्युमेंट्री बनी,उसका नाम था मछली। एक बाघिन, एक माँ, एक रानी और दुनिया ...
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